- लालू के जेल से फोन करने के मामले में जदयू ने मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की
- लालू को रांची के बंगले से राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में शिफ्ट किया गया
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के एक विधायक को प्रलोभन दिए जाने के कथित फोन करने का मामले में फंसे लालू प्रसाद यादव ( lalu prasad yadav ) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विधायक ललन पासवान ( MLA Lalan Paswan ) ने पटना में उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है। ललन ने लालू यादव ( RJD Chief Lalu Yadav ) के खिलाफ भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वहीं, लालू यादव को फिलहाल रांची के 1 केली बंगले से राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( RIMs) में शिफ्ट किया गया है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल ( RJD ) के अध्यक्ष लालू प्रसाद देश के बहूचर्चित चारा घोटाला केस ( Fodder Scam Case ) में सजा काट रहे हैं। हाल ही में उन पर जेल से फोन पर भाजपा के विधायक को प्रलोभन देने का आरोप लगा था।
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वहीं, जनता दल युनाइटेड ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से हस्तक्षेप की मांग की है। बिहार के पूर्व मंत्री और बिहार पार्षद नीरज कुमार, विधायक सिद्घार्थ पटेल एवं विधान पार्षद खालिद अनवर ने कहा कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता कैदी लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार सरकार को अस्थिर करने के लिए जेल से भाजपा के विधायक को फोन और बार बार जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया जा रहा है। नीरज कुमार ने 24 नवंबर को सुशील मोदी के ट्वीट और 25 नवंबर को वायरल हुए लालू प्रसाद के फोन कल का ऑडियो वायरल होने का हवाला देते हुए कहा कि, “लालू प्रसाद आदतन अपराधी हैं।”
पटना में मीडिया से रूबरू हुए पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कई दस्तावेजी सबूत, और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लालू प्रसाद के खिलाफ जेल मैन्युअल के नियम 999, 1001, 615, 625 और 627 के तहत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड की राजद और कांग्रेस सरकार के संरक्षण में चारा घोटाले के सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद जेल की जगह रिम्स निदेशक के बंगले में मौज कर रहे हैं। नीरज ने सवाल उठाते हुए कहा कि लालू प्रसाद ने जिस इरफान नाम के शख्स के फोन से विधायकों से बात की, उसे सेवादार किसके कहने पर बहाल किया गया। आखिर उसे अब तक पकड़ा क्यों नहीं गया, जिससे पता चल सके कि लालू ने उसके मोबाइल से और कितने लोगों को धमकाया और लालच दिया।”
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उन्होंने कहा कि कि लालू प्रसाद अवैध रुप से लोगों से मिलते हैं, ये बात 31 अगस्त 2020 को झारखंड के कारा महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण द्वारा रांची के उपायुक्त को लिखे पत्र से प्रमाणित हो चुकी है, फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। नीरज ने सवाल उठाते हुए कहा कि रिम्स के डॉक्टर उमेश प्रसाद के आग्रह पर लालू प्रसाद को एक बंगले में शिट किया गया। प्रसाद द्वारा ही 4 सितंबर 2020 की जेल सुपरिटेंडेंट को भेजी गई रिपोर्ट में लालू प्रसाद की तबीयत ठीक बताई गई, फिर अब तक उन्हें वापस रांची के होटवार जेल में शिफ्ट क्यों नहीं किया गया?